लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2021 - गज़ल
गज़ल
तुझ पर हुआ मुझे एतवार दिलबरा,
प्यार पर तेरे मर गई मैं दिलबरा |
हसरतें अब तो मेरी हो गई जवाँ,
तुझ पर कुर्बान हुई मैं दिलबरा |
अफसाना प्रीत का कुछ बना ऐसा ,
मिलन की कहानी बनी मैं दिलबरा |
आत्माएं हमारी कुछ मिली इस तरह ,
मोहब्बतों में अरमानों सी मैं दिलबरा |
रवानगी मेरे खून में बस गई अब यहाँ,
तेरी ही बनी जिंदगानी मैं दिलबरा |
दिलदार मेरे मुंतज़िर बनी तुम्हारे लिए ,
राह मे तेरे साथ मुसाफिर बनी मैं दिलबरा |
हसरतें पूरी हो तेरी सारी चाहे शिखा,
तलबगार तेरी जहां में बन गई मैं दिलबरा |
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Shrishti pandey
18-Dec-2021 09:12 AM
Nice one
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Swati chourasia
18-Dec-2021 12:04 AM
Very beautiful 👌
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Abhinav ji
17-Dec-2021 11:27 PM
Bahut sundar shikhaji
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